गठबंधन ताश के पत्तो का महल या सत्ता की सीढ़ी
भारतीय राजनीति हो या समाज यहां गठबंधन का एक अपना महत्वपूर्ण रोल है । भारतीय समाज में जहां दो व्यक्ति जुड़कर जीवन के अभिन्न सुखों को भोगने के लिए संघर्ष करते है, तो कोई सामाजिक कार्य, बिना गठबंधन के संभव नही होता । गठबंधन में बंधने वाले लोग अक्सर अपनी स्वयं की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए या ऐसी इच्छाएं जो गठबंधन में जुड़ने वालें दोनो पक्षों की समान होती है पाने के लिए एक साथ प्रयास करते है, और परिणाम को आपस में बांटकर भोगते है । भारतीय समाज में गठबंधन से पूर्व कई चीजे देखी जाती है, जैसे जुड़ने वाले व्यक्तियों को सामाजिक व्यक्तित्व, जाति, धर्म कुल मिलाकर यही सुनिश्चित किया जाता है कि ये गठबंधन कोई नई समस्याएं खड़ी न करे । वहीं अगर राजनीति की बात करे, तो भारतीय राजनीति में गठबंधन की शुरुआत larger than country image वाली प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी को पद से हटाने के लिए संपूर्ण विपक्ष ने एकमत होकर जनता पार्टी के रूप में गठबंधन किया । और अपना लक्ष्य प्राप्त किया। ये गठबंधन का एकमात्र लक्ष्य था इंदिरा जी को पद से हटाना । लक्ष्य प्राप्ति के बाद गठबंधन एक दम दिशाहीन हो गया । और 02 वर्ष ब